यह घटना वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर अपराधों की गंभीरता को उजागर करती है। बेंगलुरु में सामने आए इस मामले में धोखेबाजों ने बेहद चतुराई से बैंक खातों की सुरक्षा में सेंध लगाकर करोड़ों रुपये निकाल लिए। जानिए कैसे इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया और आप इससे कैसे बच सकते हैं:

कैसे हुई धोखाधड़ी?
- फर्जी दस्तावेज और हस्ताक्षर
- आरोपियों ने ड्रीमप्लग कंपनी के बैंक खातों से जुड़े पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी बदलने के लिए फर्जी दस्तावेज और हस्ताक्षर जमा किए।
- उन्होंने बोर्ड प्रस्ताव के जाली कागजात तैयार किए, जिससे बैंक अधिकारियों को गुमराह किया।
- संदिग्ध लेन-देन
- 14 दिनों (29 अक्टूबर से 11 नवंबर) में आरोपियों ने खातों से 12.2 करोड़ रुपये निकाले।
- यह राशि अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई, जिससे इसे ट्रैक करना मुश्किल हो गया।
- अंदरूनी जानकारी का दुरुपयोग
- मुख्य आरोपी, जो एक्सिस बैंक का रिलेशनशिप मैनेजर था, ने अपनी स्थिति और बैंकिंग जानकारी का दुरुपयोग कर यह धोखाधड़ी की।
सावधान रहने के उपाय
- बैंक खाते की नियमित निगरानी करें
- अपने बैंक खाते के लेनदेन को नियमित रूप से जांचते रहें।
- किसी भी अनाधिकृत गतिविधि का तुरंत पता लगाने के लिए SMS और ईमेल अलर्ट चालू रखें।
- पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल की सुरक्षा
- बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को गोपनीय रखें।
- अगर कोई इन्हें बदलने का अनुरोध करे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
- फर्जी दस्तावेजों की पहचान करें
- किसी भी बैंकिंग प्रक्रिया में शामिल दस्तावेजों को ध्यान से जांचें।
- बैंक अधिकारियों से हर अपडेट के लिए पुष्टि करें।
- साइबर सुरक्षा पर ध्यान दें
- फिशिंग ईमेल या मैसेज से सावधान रहें।
- अपने बैंक खाते के पासवर्ड और पिन किसी के साथ साझा न करें।
- शिकायत दर्ज कराएं
- किसी भी अनधिकृत गतिविधि का पता चलने पर तुरंत पुलिस और बैंक को सूचित करें।
यह घटना बताती है कि धोखेबाज तकनीकी और अंदरूनी जानकारी का इस्तेमाल कर वित्तीय प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकते हैं। खुद को और अपनी जानकारी को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है।