इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदी विद्यापीठ प्रयाग और हिंदी साहित्य सम्मेलन के बीच जारी भूमि विवाद के संबंध में महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। कोर्ट ने दोनों संस्थाओं से अपील की है कि वे अपने मनमुटाव को भूलकर मिलकर काम करें और विद्यापीठ और कृषि फार्म को उच्च स्तरीय शिक्षा संस्थान बनाने के प्रयास करें। इससे संस्था के संस्थापक पुरुषोत्तम दास टंडन को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की जा सकेगी।
कोर्ट का कहना था कि आपसी कलह के चलते महत्वपूर्ण उद्देश्य का नुकसान हो रहा है। दोनों संस्थाओं को मिलकर काम करना चाहिए ताकि उनके साझा प्रयासों से इस शिक्षा संस्थान को ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके।
यह टिप्पणी हिंदी विद्यापीठ प्रयाग और हिंदी साहित्य सम्मेलन के बीच प्रयागराज के करछना क्षेत्र में स्थित सौ बीघे जमीन के स्वामित्व को लेकर चल रहे विवाद की सुनवाई के दौरान की गई।
यह विवाद हिंदी विद्यापीठ प्रयाग और हिंदी साहित्य सम्मेलन के बीच सौ बीघे भूमि के स्वामित्व को लेकर था, और यह मामला हाईकोर्ट में पहुंचा था।