बांग्लादेश में इस्कॉन (अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी) से जुड़े 17 व्यक्तियों के बैंक खातों पर रोक लगाने और हिंदू समुदाय के प्रमुख नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। बांग्लादेश की वित्तीय खुफिया इकाई (बीएफआईयू) ने इन खातों से 30 दिनों तक लेन-देन पर प्रतिबंध लगा दिया है।

मुख्य बिंदु:
- बैंक खातों पर रोक:
- इस्कॉन से जुड़े 17 व्यक्तियों के बैंक खातों को अगले 30 दिनों तक अवरुद्ध किया गया है।
- बीएफआईयू ने इनसे तीन कार्य दिवसों के भीतर व्यवसायिक खातों का विस्तृत विवरण मांगा है।
- चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी:
- चिन्मय कृष्ण दास, जो बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता और इस्कॉन के पूर्व प्रवक्ता हैं, को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
- ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोमवार को उनकी गिरफ्तारी हुई।
- चटगांव की अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद उन्हें जेल भेजा गया।
- उनकी गिरफ्तारी के बाद समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में एक वकील की मौत भी हुई।
- भारत की प्रतिक्रिया:
- भारत ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा पर चिंता जताई।
- भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश से हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है, साथ ही उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण सभा के अधिकारों की रक्षा की मांग की है।
- बांग्लादेश का जवाब:
- बांग्लादेश ने भारत के बयान को खारिज करते हुए इसे “तथ्यात्मक रूप से गलत” और दोनों देशों के संबंधों के खिलाफ बताया।
विश्लेषण:
- बांग्लादेश में हाल के वर्षों में हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव की घटनाएं बढ़ी हैं।
- इस घटनाक्रम से भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों पर प्रभाव पड़ सकता है, खासकर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मुद्दे पर।
- चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और बैंक खातों पर रोक के पीछे राजनीतिक और धार्मिक संवेदनशीलता को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
आगे का रास्ता:
- यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बांग्लादेश की सरकार इस मामले में कैसे कार्रवाई करती है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
- भारत और बांग्लादेश के बीच बातचीत से इस विवाद को हल करने का प्रयास किया जा सकता है।