मेरठ में मुठभेड़ में गैंगस्टर अनिल दुजाना के मारे जाने के बाद एसटीएफ ने जांच और संदिग्ध नंबरों की पड़ताल कर गिरोह के गुर्गों और अन्य का चिठ्ठा जुटा लिया है। अनिल दुजाना ने रियासत की तर्ज पर वेस्ट यूपी ही नहीं हरियाणा व दिल्ली तक नेटवर्क खड़ा किया।
पूर्वी यूपी में भी बांदा व महाराजागंज जेल में रहने के दौरान पूर्वी यूपी तक जाल फैलाया। पता चला है कि दुजाना ने जिस कस्बे या शहर के बदमाश को रखकर रंगदारी व चौथ वसूली की जिम्मेदारी सौंपी गई, उनका नाम राजनीति की तर्ज पर मंत्री, प्रधान और चेयरमैन रख दिया।
इनमें अधिकांश अनिल दुजाना के दिल्ली जेल से छूटने के 25 दिन तक उसके किसी तरह न किसी तरह संपर्क में आए थे। अब एसटीएफ व इनपुट पर कई जिलों की पुलिस इन गुर्गों की तलाश में जुट गई है। संभावना है कि आने वाले दिनों में गिरोह से जुड़े अपराधियों की गिरफ्तारी हो सकती है।
अनिल दुजाना के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद आशंका है कि गिरोह के 150 से अधिक बदमाश कमान संभालने व सौंपने की गुपचुप तैयारी में जुटे हो सकते हैं। पूर्व में किसी बड़े गिरोह के मुखिया के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद दूसरे बदमाश कमान संभालने से पहले बड़ी वारदातों को अंजाम देते रहे हैं।
इन दिनों में वेस्ट यूपी में निकाय चुनाव प्रचार चल रहा है। इसके चलते गिरोह के अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी गई है। ऐसे में यूपी एसटीएफ व पुलिस आरोपी के पूर्व नेटवर्क को ध्वस्त करने के प्रयास में है।
अब तक की जांच में जिन आरोपियों के संबंध की जानकारी मिली है, उन्हें संबंधित जिले के पुलिस अधिकारियों को भी अवगत करा दिया है। उधर, अनिल दुजाना ने सबसे पहले अपनी पकड़ गाजियाबाद- बुलंदशहर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित कस्बों में बनाई थी। यहां पकड़ बनने के बाद आरोपी ने ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के अलावा अन्य हाईवे के किनारे के कस्बे व शहर में को उनकी नेटवर्क खड़ा कर दिया।
यहां बदमाशों को जिम्मेदारी देकर दुजाना इनसे बराबर का हिस्सा लेता था। इसके बदले जरूरत पड़ने पर अपने गिरोह के अन्य सदस्यों को उनकी मदद के लिए भेज देता था। जेल से जमानत पर आने के बाद अनिल दुजाना ने सबसे संपर्क कर हिसाब लिया और आने वाले समय में चौथ वसूली व जमीन कब्जाने एवं छुड़ाने के संबंध में भी साजिश तैयार की थी।
अनिल दुजाना पर सिकंदराबाद में व्यापारी से एक करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में कई आरोपियों समेत केस दर्ज किया गया था। इनमें कुछ आरोपी गौतमबुद्ध नगर जिले से भी ताल्लुक रखते हैं, इसमें लुहारली निवासी एक आरोपी पर पूर्व में टोलकर्मियों को धमकी देने, रंगदारी मांगने के अलावा सपा नेता के बेटे की हत्या के मामले में गवाह को धमकाने का भी केस दर्ज किया गया था। इसके अलावा कई ऐसे लोगों के नाम भी सामने आए जो अनिल दुजाना की अपराध से कमाई गई रकम, संपत्ति का न केवल लेखा जोखा रखते थे, बल्कि क्षेत्र से अवैध काम तलाश कर इसकी खबर अनिल दुजाना तक पहुंचाते थे।