पहले टीचर, BDO, SDM और फिर बने IAS अधिकारी, कौन हैं संभल के DM राजेंद्र पैंसिया?
पहले टीचर, BDO, SDM और फिर बने IAS अधिकारी, कौन हैं संभल के DM राजेंद्र पैंसिया?
संभल में हिंसा के बाद निर्णय
संभल जिले के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने हाल ही में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इस घटना को देखते हुए डॉ. पैंसिया ने जिले में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया और 8वीं तक के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया।
राजेंद्र पैंसिया का परिचय
डॉ. राजेंद्र पैंसिया 2015 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में संभल के जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। वह मूल रूप से राजस्थान के श्रीगंगानगर के रहने वाले हैं। हालांकि बचपन में वह पढ़ाई में औसत थे और छोटी-मोटी सरकारी नौकरी करने का सपना देखते थे, लेकिन किस्मत ने उन्हें आईएएस अधिकारी बना दिया।
करियर की शुरुआत
राजेंद्र पैंसिया ने अपने करियर की शुरुआत सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में की थी। इसके बाद उन्होंने राजस्थान लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी। पहले प्रयास में असफल होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से परीक्षा दी। उनका चयन बीडीओ (ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर) के पद पर हुआ। हालांकि, वह अपनी मंजिल को कुछ और मानते थे, इसलिए उन्होंने फिर से परीक्षा दी और एसडीएम (सब डिविजनल मजिस्ट्रेट) के पद पर चुने गए।
आईएएस बनने की यात्रा
इसके बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में बैठने का निर्णय लिया। उन्होंने लगातार चार बार यूपीएससी परीक्षा दी, लेकिन हर बार असफल रहे। बावजूद इसके, उन्होंने हार मानने का नाम नहीं लिया और अपनी तैयारी जारी रखी। आखिरकार, उनकी मेहनत रंग लाई और वह 345वीं रैंक के साथ आईएएस अधिकारी बन गए।
प्रारंभिक पोस्टिंग और सेवा
ट्रेनिंग के बाद, 2016 में उन्हें यूपी के मिर्जापुर जिले में सहायक मजिस्ट्रेट/सहायक कलेक्टर के पद पर पहली पोस्टिंग मिली। इसके बाद वह इटावा, मथुरा, आगरा और लखनऊ जैसे विभिन्न जिलों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
डॉ. राजेंद्र पैंसिया की सफलता की कहानी यह साबित करती है कि कठिनाइयों और असफलताओं के बावजूद अगर आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।