संभल हिंसा-मस्जिद कमेटी के सदर और पुलिस के बीच आरोप-प्रत्यारोप 2500 लोगों पर

संभल हिंसा-मस्जिद कमेटी के सदर और पुलिस के बीच आरोप-प्रत्यारोप 2500 लोगों पर एफआईआर
संभल हिंसा मामले में तनाव और आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली ने प्रेसवार्ता में प्रशासन और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एसडीएम ने मस्जिद के हौज का पानी निकलवाया, जिससे बाहर खड़ी भीड़ को गलतफहमी हुई कि मस्जिद की खुदाई शुरू कर दी गई है। इस भ्रम के चलते भीड़ उग्र हो गई और हिंसा भड़क उठी। जफर अली ने एसडीएम वंदना मिश्रा और सीओ अनुज चौधरी को बवाल के लिए जिम्मेदार ठहराया।
प्रेसवार्ता के मुख्य बिंदु:
- सर्वे का विरोध:
जफर अली ने कहा कि मस्जिद का सर्वे 19 नवंबर को पूरा हो चुका था। इसके बावजूद रविवार को दोबारा सर्वे किया गया, जो गलत था। - भीड़ को गोली चलाने की धमकी:
जफर अली का दावा है कि पुलिस ने भीड़ को गोली मारने की धमकी दी। उन्होंने भीड़ को समझाने की कोशिश की, लेकिन बाद में हिंसा भड़क गई। - पुलिस पर फायरिंग का आरोप:
उन्होंने कहा कि पुलिस ने भीड़ पर फायरिंग की, जिससे हिंसा और बढ़ गई। - प्रशासन का खंडन:
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने सदर के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके बयान खुद में विरोधाभासी हैं। पुलिस ने किसी भी प्रकार की अनुचित कार्रवाई नहीं की।
एफआईआर और गिरफ्तारियां:
हिंसा के मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल, और 2500 अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोप है कि उन्होंने हिंसा को उकसाने की साजिश रची।
- अब तक 27 आरोपियों को गिरफ्तार कर मुरादाबाद जेल भेजा गया है।
- उपद्रवियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन की मदद ली जा रही है।
प्रशासन की कार्रवाई:
- हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के शवों का पोस्टमार्टम कर उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
- इंटरनेट सेवाएं मंगलवार शाम 4 बजे तक बंद रहेंगी।
- डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने कहा कि हिंसा की साजिश की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
स्थिति का प्रभाव:
हिंसा के कारण शहर में सन्नाटा पसरा है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने शांति बनाए रखने की अपील की है। घटना ने संभल को राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से संवेदनशील बना दिया है, जिससे सुरक्षा और जांच पर जोर दिया जा रहा है।