गाजियाबाद। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) की लॉटरी में नाम आने वाले बच्चों के दाखिले करने की जगह स्कूलों की ओर से स्टाफ को घर भेजकर अलग से सत्यापन कराने अभिभावकों में आक्रोश हैं। आरटीई में प्रवेश न मिलने और स्कूलों की मनमानी से परेशानी अभिभावकों ने गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन पदाधिकारियों के साथ बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया।
अभिभावकों ने आरोप लगाया कि कई स्कूल प्रवेश देने से साफ इन्कार कर रहे हैं। अब बच्चों के घरों में स्कूल कर्मचारियों को भेजकर सर्वे और सत्यापन के नाम पर परेशान किया जा रहा है। पैरेंट्स एसोसिएशन के साथ बीएसए कार्यालय पर पहुंचे अभिभावकों का हंगामा प्रदर्शन करीब चार घंटे चला।
बीएसए के कार्यालय में मौजूद नहीं होने से अभिभावक धरने पर बैठ गए। हंगामे पर पहुंची पुलिस के समझाने के बावजूद अभिभावक धरने पर बैठे रहे। एसडीएम विनय कुमार की ओर से बीएसए के बुलंदशहर बैठक में होने और एसीपी को ज्ञापन सौंपने को भी अभिभावक राजी नहीं हुए। फिर करीब दो बजे पहुंचे बीएसए विनय कुमार मिश्र को अभिभावकों ने ज्ञापन सौंपा।
एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी व उपाध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि ज्ञापन सौंपकर दाखिला नहीं देने, अलग से सत्यापन कराने और मनमानी करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की मांग की गई है। इस मौके पर धर्मेंद्र यादव, कौशल ठाकुर, नरेश कुमार, विनय कक्कड़, पवन शर्मा, कौशलेंद्र सिंह, राजू सैफी, विवेक त्यागी सहित आदि लोग मौजूद रहे।
बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार मिश्र का कहना है कि स्कूल स्टाफ के बच्चों के घर जाकर सत्यापन कराना बिल्कुल गलत है। आरटीई में दाखिला नहीं देने वाले स्कूलों की शिकायतें मिली हैं। जल्द ऐसे स्कूलों की जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। 15 मई के बाद टीमें स्कूलों का निरीक्षण कर दाखिले कराएंगी।
विजयनगर निवासी अश्वनी तोमर का कहना है कि बच्चे को इंदिरापुरम पब्लिक स्कूल आवंटित हुआ है। विभागीय स्तर से आवंटन पत्र जारी होने के बावजूद स्कूल दाखिला तो दूर विद्यालय परिसर के अंदर तक प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं।