(www.hapurhulchul.com) देश के कोने-कोने को हाईवे से जोड़ने के बाद अब केंद्र सरकार एक्सप्रेसवे पर अच्छा-खासा ध्यान दे रही है | सरकार की योजना है कि देश में लगभग 50 हजार किमी एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे बनाए जाएं | इन्हें इस तरह से बनाया जाएगा कि देश की हर जगह से 100 से 150 किमी के दायरे में कोई न कोई एक्सप्रेसवे होना चाहिए | इस काम में तेजी लाने के लिए अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया NHAI के साथ-साथ एक और अथॉरिटी की जरूरत महसूस की जा रही है |
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एक्सप्रेसवे के तेज विकास के लिए (For faster development of expressway)
बिजनेस टुडे ने सरकारी सूत्रों के हवाले से दी रिपोर्ट में कहा है कि एक्सप्रेसवे के तेज विकास के लिए NHAI के अलावा एक और अथॉरिटी की जरूरत महसूस की जा रही है | रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री ने अपने 100 दिन के एजेंडे में इस अथॉरिटी के गठन का विचार भी शामिल किया है | नई अथॉरिटी देश में सिर्फ एक्सप्रेसवे बनाने और उनके मैनेजमेंट पर ध्यान देगी |
एक्सप्रेसवे अथॉरिटी निर्माण के साथ-साथ (Along with the construction of Expressway Authority)
सरकार चाहती है कि NHAI सिर्फ नेशनल हाईवे के कंस्ट्रक्शन पर ध्यान दे | एक्सप्रेसवे अथॉरिटी निर्माण के साथ-साथ टोल का मैनेजमेंट भी करेगी | इससे एक्सप्रेसवे का इंफ्रास्ट्रक्चर भी मजबूत होगा | सरकार 2047 की जरूरतों के हिसाब से देश में नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे के निर्माण पर जोर दे रही है | इसके तहत देश में लगभग 50 हजार किमी के एक्सप्रेसवे बनाए जाने हैं | फिलहाल देश में 2913 किमी के एक्सप्रेसवे हैं | सरकार को उम्मीद है कि एक्सप्रेसवे और नए हाईवे की मदद से लॉजिस्टिक कॉस्ट में 3 से 4 फीसदी की कमी लाइ जा सकती है |
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने के साथ ही (Along with building greenfield expressway)
सरकार ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने के साथ ही पुराने हाईवे के विकास पर भी काम कर रही है | देश में 2 लेन हाईवे की संख्या भी 2014 के 30 फीसदी से घटकर 2023 में 10 फीसदी ही रह गई है | सरकार जल्द से जल्द 2 लेन हाईवे को 4 लेन हाईवे में कंवर्ट करना चाहती है | इनकी कुल लंबाई भी 27,517 किमी से घटकर 14,850 किमी रह गई है | देश में 4 लेन और उससे ज्यादा चौड़े हाईवे की संख्या भी 46,179 किमी पहुंच चुकी है |
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