चेक के नाम पर 8 लाख की साइबर ठगी
पिलखुवा (हापुड़) — चेक क्लीयरेंस के नाम पर की गई एक सुनियोजित साइबर ठगी में शहर के एक व्यापारी मनीष कुमार गोयल के खाते से 8 लाख रुपये गायब हो गए। इस घटना ने न केवल पिलखुवा के व्यापारिक जगत को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि यह एक बार फिर साइबर सुरक्षा की खतरनाक स्थिति को उजागर करता है।
कैसे दिया गया वारदात को अंजाम:
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मनीष गोयल को एक अज्ञात नंबर से फोन आया।
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कॉल करने वाले ने खुद को किसी बैंक या संस्था का प्रतिनिधि बताया और कहा कि मनीष ने 5 लाख रुपये का चेक जारी किया है।
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मनीष ने ऐसी किसी ट्रांजैक्शन से इनकार कर कॉल काट दी।
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थोड़ी देर बाद एक और कॉल आई, इस बार 3 लाख रुपये के चेक की बात कही गई।
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मनीष को कुछ समझ नहीं आया और उन्होंने फिर से कॉल काट दी।
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अगले ही दिन जब उन्होंने बैंक बैलेंस चेक किया, खाते से पूरे 8 लाख रुपये उड़ चुके थे।
पुलिस और बैंक की कार्रवाई:
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मनीष ने तुरंत संबंधित बैंक से संपर्क किया।
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बैंक अधिकारियों ने उन्हें साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी।
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इसके बाद उन्होंने कोतवाली पिलखुवा में लिखित तहरीर दी।
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पुलिस और साइबर सेल इस गंभीर मामले की जांच में जुटे हैं।
इस घटना से मिलने वाली सावधानी की सीख:
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किसी अनजान नंबर से आने वाले कॉल्स पर व्यक्तिगत या बैंक संबंधी जानकारी न दें।
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यदि कोई बैंक कर्मचारी बनकर चेक, OTP या खाते की जानकारी मांगे, तो तुरंत कॉल काटें।
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कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
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बैंक के स्टेटमेंट और मैसेज समय-समय पर स्वयं जांचते रहें।
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