मस्क की कंपनी अमेरिका से लॉन्च करेगी इसरो का एडवांस सैटेलाइट, जानें कैसे साबित होगा ट्रंप कार्ड
भारत के सबसे उन्नत संचार उपग्रह जीसैट-एन2 को अमेरिका की स्पेसएक्स कंपनी द्वारा लॉन्च किया जाना भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और स्पेसएक्स के बीच एक महत्वपूर्ण साझेदारी का प्रतीक है। यह प्रक्षेपण भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में इसरो की स्थिति को और उन्नत करेगा।
प्रमुख बिंदु:
1. भारी वजन का उपग्रह:
जीसैट-एन2, जो 4,700 किलोग्राम वजनी है, इसरो के मौजूदा लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम-3) से अधिक भारी है। एलवीएम-3 अधिकतम 4,100 किलोग्राम वजन को भूस्थिर स्थानांतरण कक्षा (GTO) में भेज सकता है।
इसलिए, इसे प्रक्षेपित करने के लिए भारत को स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट का सहारा लेना पड़ा।
2. विदेशी प्रक्षेपण की आवश्यकता:
भारत अपने भारी उपग्रहों के लिए पहले एरियनस्पेस (यूरोपीय लॉन्च सेवा प्रदाता) पर निर्भर था। लेकिन वर्तम…