(www.hapurhulchul.com) देश की आजादी से पहले करीब इन 70 कंपनियों की नींव रखी गई थी | इन कई कंपनियों का आज भी पूरी दुनिया में चल रहा नाम देश-विदेश तक में इन कंपनियों का बढ़ रहा है नाम और इन कंपनियों ने देश-विदेश में तक में पंहुचा दिया अपना कारोबार लेकिन बहुत सी कंपनियां ऐसी भी होती हैं कि जिनका आज तक कोई भी नामो निशान नहीं है |
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ये कुछ ऐसी कंपनियां हैं जिनका देश में (These are some of the companies whose)
नई दिल्ली में कई कंपनियां ऐसी भी हैं जिनका एक समय पर काफी नाम हुआ करता था | लेकिन आज इन कंपनियों का भी नामो निशान मिट चुका है | एक समय पर जिन कंपनियों ने बाजार में तहलका मचाया था वह आज कही नहीं है | ये कुछ ऐसी कंपनियां हैं जिनका देश में आजादी से पहले भी नाम था | इन में से बहुत सी कंपनी ऐसी है जिनकी नींव ब्रिटिश शासन के दौरान रखी गई थी | और साथ ही कई कंपनियां ऐसी भी हैं जिनका आज भी पूरी दुनिया में नाम चल रहा है | इनमें कुछ ऐसी कम्पनिया है जैसे कि रिलायंस, टाटा सहित कई कंपनियां शामिल हैं |
कंपनी का कारोबारी द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान (Company businessman during World War II)
चर्चित टाटा ग्रुप की शुरुआत साल 1868 में हुई थी | फूड सेक्टर की बड़ी कंपनी ब्रिटानिया साल 1892 में हुई थी | आज भी कुछ ऐसी कंपनिया है जिनका अब तक दबदबा बना हुआ है | कंपनी का कारोबारी द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान तेजी से बढ़ा था | प्रसिद्ध कंपनी गोदरेज की शुरुआत भी आजादी से पहले साल 1897 में हुई थी | देश में करीब 70 ऐसी कंपनियां थीं जिनकी नींव आजादी से पहले रखी गई थी | इन कंपनियों ने देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया | तो आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसी कंपनीज के बारे में जो आज बाजार से पूरी तरह गायब हो चुकी हैं |
इसलिए हर कोई इस कंपनी की (That’s why everyone in this company)
एमएमटी की घड़ियां एक समय देश में काफी बिका करती थीं | इसलिए हर कोई इस कंपनी की घड़ी को लेना पसंद करता था | लेकिन लोगों के लिए एचएमटी का ब्रांड एक स्टेटस सिंबल बन गया था | पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय में एचएमटी की घड़ियां बननी शुरू हुई थीं | साल 1961 में भारत में एचएमटी की घड़ियों का प्रोडक्शन शुरू हुआ था | लेकिन कंपनी ने जापान की सिटीजन वॉच कंपनी के साथ मिलकर एचएमटी का निर्माण शुरू किया था | एचएमटी की घड़ियों का बिजनेस 70 और 80 के दशक तक बुलंदियों पर था | लेकिन इसके बाद कंपनी का बुरा दौर शुरू हो गया था |
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देश में साल 1972 में सरकार द्वारा (In the country in the year 1972 by the government)
देश में साल 1972 में सरकार द्वारा संचालित स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड ने भारत में लैंब्रेटा स्कूटर्स की मैन्युफैक्चिरिंग और सेल्स की शुरुआत की थी | कंपनी के विजय डीलक्स, विजय सुपर और लंब्रेटा स्कूटर देश की शान माने जाने लगे थे | देश में ये स्कूटर खूब बिका करते थे | लेकिन बाद में धीरे-धीरे ये कंपनी बाजार से गायब हो गई |