हापुड़- तेंदुए का आतंक बरकरार, ग्रामीणों में दहशत का माहौल

हापुड़- तेंदुए का आतंक बरकरार, ग्रामीणों में दहशत का माहौल
हापुड़ (उत्तर प्रदेश): जनपद हापुड़ के सिम्भावली और बाबूगढ़ थाना क्षेत्रों में इन दिनों तेंदुए का आतंक बना हुआ है। लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुआ देखे जाने की घटनाओं से लोगों में दहशत है, वहीं वन विभाग द्वारा पिंजरा लगाकर पकड़ने के प्रयास अब तक विफल रहे हैं।
तेंदुए की फिर से दस्तक, खेतों में दिखा खतरनाक शिकारी
सोमवार की शाम बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम मोहम्मदपुर आजमपुर में खेतों पर काम कर रहे ग्रामीणों को तेंदुआ दिखाई दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही खेतों पर पानी चलाने के लिए लोग पहुंचे, झाड़ियों की ओर से तेज आवाज आई। जब कुछ ग्रामीण पास जाकर देखने लगे तो देखा कि वहां एक तेंदुआ खड़ा था।
घटना की जानकारी मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया और लोग अपने घरों में दुबक गए। ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए अन्य लोगों को भी सतर्क किया और वन विभाग को सूचना दी।
पहले भी हो चुका है हमला, भैंस को बनाया था निशाना
यह कोई पहली घटना नहीं है। चार जून को सिम्भावली क्षेत्र के नवादा, धनपुरा और बुकलाना गांवों में भी तेंदुआ देखा गया था। नवादा गांव में एक किसान की बंधी हुई भैंस पर तेंदुए ने हमला कर दिया था, जिससे लोग और अधिक भयभीत हो गए हैं।
वन विभाग ने जारी किया अलर्ट, लगाए पोस्टर
वन विभाग द्वारा इलाके में पोस्टर चस्पा कर ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। विभाग की टीम लगातार निगरानी कर रही है और पिंजरे लगाकर तेंदुए को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अब तक तेंदुआ पकड़ में नहीं आया है।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि,
“तेंदुए के मूवमेंट को ट्रैक किया जा रहा है। जल्द ही उसे सुरक्षित तरीके से पकड़ा जाएगा। ग्रामीण सतर्क रहें और अकेले खेतों में जाने से बचें।”
ग्रामीणों की मांग: गश्त बढ़े और रात्रि निगरानी हो
लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासन से मांग की है कि:
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रात्रि गश्त बढ़ाई जाए
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स्कूल जाने वाले बच्चों और खेतों पर काम करने वालों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों
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तेंदुआ पकड़ने के लिए थर्मल कैमरे और विशेषज्ञ टीम भेजी जाए
संपादकीय टिप्पणी:
जैव विविधता और मानव जीवन के बीच संतुलन बनाना बेहद जरूरी है, लेकिन जब वन्य जीव मानव बस्तियों में प्रवेश करने लगें तो यह एक सुरक्षा और संरक्षण दोनों की चुनौती बन जाती है। वन विभाग को सतर्कता के साथ-साथ तेज गति से कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि जनहानि न हो और वन्यजीवों को भी सुरक्षित पकड़ा जा सके।