मेरठ- एसटीएफ ने पकड़ी फर्जी डिग्री रैकेट की कड़ी, परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं अवैध रूप से ले जाते दो लोग गिरफ्तार

मेरठ- एसटीएफ ने पकड़ी फर्जी डिग्री रैकेट की कड़ी, परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं अवैध रूप से ले जाते दो लोग गिरफ्तार
मेरठ/बिजनौर। एसटीएफ (विशेष कार्य बल) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बिजनौर के केएलएस इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से अवैध रूप से परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं ले जा रही एक गाड़ी को पकड़ लिया। इस मामले में कॉलेज के परीक्षा प्रभारी और संस्थान के एक पदाधिकारी को हिरासत में लिया गया है। एसटीएफ ने आशंका जताई है कि इस गिरोह ने अब तक एक लाख से अधिक फर्जी डिग्रियां तैयार कर छात्रों को बेची हैं।
एसटीएफ करेगी बृहस्पतिवार को बड़ा खुलासा
एसटीएफ के एएसपी बृजेश सिंह ने जानकारी दी कि यह संस्थान बिजनौर के देहरादून रोड स्थित चंदक क्षेत्र में स्थित है। कुछ समय पहले इसे एनएच-58 पर स्थित एक निजी विश्वविद्यालय समूह ने अधिग्रहित किया था। यहीं से बीटेक, बीसीए और पॉलिटेक्निक के छात्रों की परीक्षाएं 20 मई से चल रही थीं।
कैसे हुआ पर्दाफाश
एसटीएफ को सूचना मिली थी कि कॉलेज में परीक्षा के नाम पर अवैध ढंग से उत्तर पुस्तिकाओं में हेराफेरी की जा रही है। इसी क्रम में बुधवार को परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाएं लेकर लौट रही गाड़ी को रोका गया, जिसमें पाई गई अनियमितताओं ने पूरे नेटवर्क की पोल खोल दी। टीम को शक है कि इन उत्तर पुस्तिकाओं के आधार पर फर्जी अंकपत्र और डिग्रियां तैयार कराई जाती थीं।
इन धाराओं में दर्ज हो सकता है केस
– धोखाधड़ी (IPC 420)
– जालसाजी (IPC 468/471)
– आपराधिक साजिश (IPC 120B)
पृष्ठभूमि: शिक्षा के नाम पर खुली मंडी
सूत्रों के अनुसार, यह विश्वविद्यालय समूह पिछले कुछ वर्षों से पैसों के बदले परीक्षा पास कराना, डिग्री देना, और बिना उपस्थिति के छात्र पास करना जैसे अवैध कार्यों में संलिप्त है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि देशभर के हजारों छात्रों को इन फर्जी डिग्रियों के ज़रिए नौकरियां और दाखिले मिले हैं।
बड़ा सवाल
क्या उच्च शिक्षा विभाग व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर ऐसी संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा?
बृहस्पतिवार को एसटीएफ द्वारा किए जाने वाले मीडिया खुलासे से और अधिक नाम, संस्थान व संलिप्त नेटवर्क का पर्दाफाश होने की संभावना है।