
यह मामला बुलंदशहर जिले में शराब की दुकानों पर चल रही अनियमितताओं और अधिकारियों की मिलीभगत को उजागर करता है। शासन की स्पष्ट पाबंदी के बावजूद पुराने स्टॉक की शराब को नए सत्र में बेचा जा रहा था, जो न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि उपभोक्ताओं की सेहत और राजस्व हितों के साथ खिलवाड़ है।
स्थान: जैनपुर, बुलंदशहर
कार्रवाई में शामिल विभाग: विजिलेंस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम
मुख्य आरोप:
पुराने स्टॉक की शराब को नए वित्तीय सत्र में बेचना
बिना पॉश मशीनों (PoS – Point of Sale) के शराब की बिक्री करना
कुल जांची गई दुकानें: 200
गड़बड़ी वाली दुकानें: 53 दुकानों पर मिलीं अनियमितताएं
प्रत्येक दुकान पर जुर्माना: ₹2,000
एक दुकान सस्पेंड: जैनपुर स्थित दुकान
जिम्मेदार अधिकारी: आबकारी निरीक्षक संजय गुप्ता और तीन सिपाही
कार्रवाई की संस्तुति: आबकारी इंस्पेक्टर व सिपाहियों के खिलाफ
एफआईआर दर्ज: दुकान अनुज्ञापी के खिलाफ
राज्य सरकार ने पुराने वित्तीय वर्ष की शराब को नए वित्तीय वर्ष में बेचने पर सख्त पाबंदी लगा रखी है ताकि टैक्स चोरी रोकी जा सके और लोगों को एक्सपायर्ड या संदिग्ध गुणवत्ता की शराब न मिले।
राजस्व की चोरी रोकी गई
उपभोक्ता हितों की रक्षा हुई
दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई कर प्रशासनिक पारदर्शिता सुनिश्चित की गई
यदि आप चाहें, तो मैं यह भी बता सकता हूँ कि इस तरह की कार्रवाई किस कानून और आबकारी अधिनियम के अंतर्गत होती है, या यह भी बता सकता हूँ कि आम नागरिक ऐसी शिकायतें कहां और कैसे दर्ज करा सकते हैं।