
गुस्से में दिखे सपाई कार्यकर्ताओं ने हाथों में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा, पोस्टर और बैनर थामे नारेबाज़ी की और विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और प्रशासन मौन है।
समाजवादियों ने आरोप लगाया कि यह सब सरकार की लचर नीति और जातीय भेदभाव की सोच का परिणाम है। कार्यकर्ताओं ने बुलंदशहर में विरोध मार्च निकालकर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग की कि दलित उत्पीड़न के मामलों की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों को सख्त सजा दी जाए और पीड़ितों को न्याय मिले।
समाजवादी पार्टी का यह प्रदर्शन कहीं न कहीं प्रदेश की कानून-व्यवस्था और सामाजिक न्याय की स्थिति पर सवाल जरूर खड़ा करता है। देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कार्रवाई करती है।