
हापुड़। जिले का बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। एंटी करप्शन टीम ने कार्रवाई करते हुए बीएसए कार्यालय के कनिष्ठ लिपिक दीपेंद्र शर्मा और संविदा कर्मी निखिल शर्मा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
सूत्रों के अनुसार, कार्यालय में रिश्वत के बाकायदा रेट तय थे। सस्पेंड से बचने के लिए दो लाख, एब्सेंट मिलने पर 20 हजार, स्कूल में खामियां मिलने पर 60 हजार, मान्यता से संबंधित मामलों में एक लाख और किताबों के अधिक दाम वसूलने के मामलों में दो लाख रुपये तक की रिश्वत ली जाती थी।
इस कार्रवाई के बाद निजी स्कूल संचालकों ने कुछ राहत की सांस ली है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इतने लंबे समय से यह भ्रष्टाचार किसके संरक्षण में फल-फूल रहा था? क्या बड़े अफसर भी इस नेटवर्क में शामिल हैं? अब निगाहें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।