
गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़)। नगर के स्याना चौपला स्थित इंद्रानगर कॉलोनी में रहने वाले 41 परिवारों को नगर पालिका द्वारा मकान खाली करने का नोटिस भेजा गया है। हैरानी की बात यह है कि जिन मकानों को अवैध बताया गया है, उनमें से करीब एक दर्जन मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनाए गए हैं।
नगर पालिका की ओर से भेजे गए नोटिस में दावा किया गया है कि इन मकानों का निर्माण करीब 10 बीघा तालाब की सरकारी भूमि पर हुआ है। पालिका के इस कदम के बाद कॉलोनी के लोग बेहद परेशान हैं और अपने आशियाने छिनने का खतरा महसूस कर रहे हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जिस जमीन को अब तालाब की भूमि बताया जा रहा है, वहां पिछले 40 सालों से बस्ती बसी हुई है। इतना लंबा समय गुजरने के बावजूद नगर पालिका के अधिकारियों को अगर यह जमीन सरकारी नजर नहीं आई, तो अब अचानक यह फैसला उनकी लापरवाही और ढिलाई को उजागर करता है।
स्थिति को और विवादास्पद बना रहा है यह तथ्य कि नगर पालिका की स्वीकृति से ही यहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बने थे। वीर सिंह, कमला, महावीर सिंह, गंगाराम, रामपाल सिंह, कुलदीप, प्रेमपाल, सुमेरा, सुमन, उर्मिला, और रोहताश जैसे कई लोगों को आवास योजना का लाभ मिला था। अब उन्हीं मकानों को अवैध बताकर खाली कराने की तैयारी की जा रही है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि पुराने रिकॉर्ड खंगाले जाएं, और जिन लोगों को वैध रूप से मकान स्वीकृत हुए हैं, उनके साथ अन्याय न हो। नागरिकों ने चेताया है कि अगर प्रशासन ने बिना उचित जांच के कार्रवाई की, तो वे विरोध प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।