मेरठ में एक दिलचस्प और राहत देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक डिलीवरी बॉय ने सिपाही की गुम हुई सर्विस पिस्टल को “टॉय गन” समझकर घर ले गया। इस घटना ने न केवल पुलिस महकमे में हलचल मचाई, बल्कि एक सच्चाई और जागरूकता का उदाहरण भी प्रस्तुत किया।
पूरी घटना:
- सिपाही की पिस्टल गुम:
31 जनवरी को सिपाही नीरज कुमार, जो पुलिस लाइन में तैनात थे, गंगानगर जा रहे थे। रास्ते में उनका बाइक किसी जानवर से टकरा गई, जिससे वह घायल हो गए और सरकारी पिस्टल (दस कारतूस के साथ) गुम हो गई। इसके बाद नीरज कुमार को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।
- डिलीवरी बॉय का रोल:
डिलीवरी बॉय श्रृंग यादव उस रात मेरठ से गंगानगर लौट रहा था, जब उसने सड़क पर एक पिस्टल पड़ी देखी। उसे लगा कि यह टॉय गन या लाइटर है। वजन थोड़ा भारी लगने के बावजूद, उसने इसे बच्चों के खेलने के लिए घर ले जाने का फैसला किया।
- पिस्टल की पहचान और लौटाना:
जब उसे खबर मिली कि सिपाही की सरकारी पिस्टल गुम हुई है और उसकी तलाश की जा रही है, तो उसने तुरंत इसे एसएसपी डॉ. विपिन ताडा को सौंप दिया।
- पुलिस की प्रतिक्रिया:
पुलिस महकमे ने राहत की सांस ली, और डिलीवरी बॉय की ईमानदारी को सराहा गया। एसएसपी ने पिस्टल की सूचना देने वाले को 11 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। श्रृंग यादव को इस नेक कदम के लिए इनाम दिया जाएगा।
मुख्य सीख:
- इस घटना ने यह साबित किया कि जागरूकता और सच्चाई किसी भी मुश्किल परिस्थिति को हल कर सकती है।
- पिस्टल जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं की सुरक्षा और सतर्कता बेहद जरूरी है, खासकर सरकारी कर्मचारियों के लिए।
- श्रृंग यादव की ईमानदारी अन्य लोगों के लिए एक प्रेरणा है कि सही समय पर सही कदम उठाने से गलतफहमियों और समस्याओं को हल किया जा सकता है।