

यह मामला ग्राम पंचायतों में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है, जिसमें 2017-18 के दौरान हुए 30 विकास कार्यों के दस्तावेज़ ऑडिट में नहीं मिले। अब विभाग उन 9 पंचायत सचिवों से स्पष्टीकरण मांग रहा है, जो इन कार्यों के दौरान तैनात थे। यदि वे संतोषजनक दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, तो उनसे वसूली की जाएगी।
इस प्रकार की कार्रवाई से साफ होता है कि प्रशासन अब विकास कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त रुख अपना रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पंचायत सचिव संतोषजनक जवाब दे पाते हैं या वसूली की कार्रवाई आगे बढ़ेगी।
आप इस मामले में आगे की अपडेट चाहते हैं तो मैं नजर बनाए रखूंगा।