

सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की यह एक और चिंताजनक तस्वीर है। पिलखुवा के नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के नदारद रहने से मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी, जिससे लोगों में नाराजगी दिखी। सुबह 11:15 बजे तक भी डॉक्टरों की गैरमौजूदगी यह दर्शाती है कि स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में कहीं न कहीं लापरवाही हो रही है।
यह प्रशासन के लिए एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का मुख्य उद्देश्य आम जनता को त्वरित और सुलभ चिकित्सा सेवाएं देना है। क्या इस मामले में स्थानीय अधिकारियों या स्वास्थ्य विभाग की कोई प्रतिक्रिया सामने आई है? या मरीजों की शिकायत पर कोई कार्रवाई हुई है?