

मुजफ्फरनगर के गढ़मलपुर सागड़ी गांव में हुई इस दुखद घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। नेशनल कबड्डी खिलाड़ी दो बहनों, काजल और मनीषा, की ज़हर खाकर जान देने की खबर न केवल दर्दनाक है, बल्कि परिवार और समाज के लिए सोचने का विषय भी है।
परिजनों के अनुसार, मोबाइल के उपयोग को लेकर हुए विवाद ने इतना बड़ा मोड़ ले लिया कि दोनों ने अपनी जान गंवा दी। हालांकि, घटना के बाद परिजनों ने तुरंत अंतिम संस्कार कर दिया, जिससे मामला संदेहास्पद हो गया। पुलिस ने सूचना मिलने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है और परिजनों से पूछताछ की जा रही है।
इस तरह की घटनाएँ मानसिक स्वास्थ्य और संचार की कमी को उजागर करती हैं। सवाल उठता है कि क्या हम अपने परिवारों में तनावपूर्ण स्थितियों को संभालने के लिए पर्याप्त संवाद स्थापित कर पा रहे हैं? क्या इस मुद्दे को समय रहते सुलझाया जा सकता था?
क्या आपको लगता है कि इस तरह के तनावपूर्ण हालात में परिवार और समाज के स्तर पर जागरूकता और समर्थन को बढ़ाने की जरूरत है?