

शक्तिधाम आश्रम, महाकुंभ 2025 का एक ऐसा अनोखा स्थान है, जहां नौ महामंडलेश्वर विदेशी हैं। ये सभी विदेशी, भले ही अपनी मातृभाषा में सहज नहीं हैं, लेकिन फर्राटेदार संस्कृत में पाठ और पूजा करते हैं।
इन महामंडलेश्वरों का संबंध यूएसए, इजराइल और जापान जैसे देशों से है। आश्रम में सात पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। सबसे खास बात यह है कि ये सभी विदेशी संन्यासी पूरी तरह से भारतीय संस्कृति में रंग चुके हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका से आने वाले महामंडलेश्वर अनंत दास महाराज ने बताया कि उन्होंने साईं मां से अमेरिका में मिलकर सनातन धर्म को जाना और फिर वाराणसी के शक्तिधाम आश्रम में उन्हें महामंडलेश्वर पद सौंपा गया। अब वह विदेशी श्रद्धालुओं को सनातन धर्म से जोड़ने के लिए शिक्षा और योग क्रिया कर रहे हैं।
यह आश्रम न केवल भारतीय परंपराओं के प्रचार-प्रसार का केंद्र है, बल्कि विदेशियों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का एक अनूठा प्रयास भी है।