वाराणसी में भारत माता मंदिर परिसर में रोपवे संचालन के लिए आवश्यक बिजली उपकेंद्र के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। पहले से तय जगह को लेकर हुए विरोध के बाद अब उपकेंद्र परिसर के भीतर ही दूसरी जगह पर बनाया जाएगा।

बिजली उपकेंद्र से जुड़ी मुख्य बातें:
- स्थानांतरण का फैसला: छात्रों के विरोध के चलते पहले से तय स्थान को बदलकर अब परिसर में दूसरी जगह पर बिजली उपकेंद्र बनाया जा रहा है।
- निर्माण कार्य: सोमवार से इसका काम शुरू हो चुका है और इसे अगले छह महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है।
- तकनीकी विवरण: यह 33/11 केवी का उपकेंद्र होगा, जिसमें 5-5 एमवीए क्षमता के दो पावर ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे। इस उपकेंद्र से सभी रोपवे स्टेशनों को बिजली आपूर्ति दी जाएगी।
- प्रगति की स्थिति: नवंबर में इसका काम शुरू हुआ था, लेकिन विरोध के चलते इसे रोक दिया गया था। अब इसे पुनः प्रारंभ किया गया है।
गोदौलिया चौराहे पर ट्रांसफॉर्मर शिफ्टिंग:
- रोपवे के निर्माण में बाधक बन रहे गोदौलिया चौराहे के तीन ट्रांसफॉर्मरों को हटाकर नई जगह शिफ्ट किया जाएगा।
- दो ट्रांसफॉर्मर को दूध मंडी के पास खाली स्थान पर ले जाया जाएगा, जबकि एक अन्य ट्रांसफॉर्मर को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाएगा।
आधिकारिक बयान:
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता संदीप कुमार बंसल ने कहा है कि उपकेंद्र को नई जगह पर बनाने का फैसला हो गया है और कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं, अधीक्षण अभियंता प्रमोद गोगानिया ने बताया कि बाधक ट्रांसफॉर्मरों को हटाने और शिफ्ट करने की कार्रवाई जारी है।
इस परियोजना के पूरा होने से रोपवे संचालन को सुगम बनाने के साथ-साथ क्षेत्र में बिजली आपूर्ति भी सुदृढ़ होगी।