सिंभावली शुगर मिल का इतिहास और वर्तमान स्थिति हापुड़ जनपद के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। 1933 में स्थापित यह मिल अब तक कई दशकों तक क्षेत्रीय कृषि और उद्योग के लिए एक प्रमुख स्तंभ रही है। हालांकि, हाल के वर्षों में वित्तीय संकटों और किसानों के बकाया भुगतान को लेकर यह मिल मुश्किलों का सामना कर रही है, लेकिन नवंबर 2024 में इसका पेराई सत्र शुरू होना संकेत देता है कि मिल अभी भी अपनी गतिविधियों को जारी रखने का प्रयास कर रही है।
मिल पर किसानों के बकाया भुगतान का आरोप और अन्य मिलों के क्रय केंद्र खोलने की मांग इसके सामने एक बड़ा संकट है। इसके अलावा, एनसीएलटी द्वारा प्रबंधन से मालिकाना हक छीनने का निर्णय इस बात का प्रतीक है कि मिल के वित्तीय हालात और प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता है।
सिंभावली शुगर मिल की वर्तमान स्थिति किसानों और क्षेत्रीय उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है और इसके समाधान के लिए उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।