देवउठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है
देवउठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इसे कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा से जागते हैं, जिन्हें “चातुर्मास” कहा जाता है। इस दिन से शुभ और मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार आदि कार्य पुनः प्रारंभ किए जाते हैं।
देवउठनी एकादशी से जुड़े कुछ मुख्य महत्व इस प्रकार हैं:
1. मांगलिक कार्यों की शुरुआत
इस दिन से विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन आदि मांगलिक कार्य आरम्भ होते हैं। चातुर्मास के दौरान इन कार्यों पर रोक रहती है, और देवउठनी एकादशी के दिन से ये कार्य शुभ माने जाते हैं।
2. आध्यात्मिक महत्व
मान्यता है कि भगवान विष्णु, जो श्रावण मास में योग निद्रा में चले जाते हैं, इस दिन जागते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को उनक…