(www.hapurhulchul.com) हापुड़ | भीषण गर्मी आते ही गमछा (अंगौछा) की मांग बढ़ गई है | युवाओ से लेकर युवती भी जमकर गमछा और स्टाल खरीद रही है | गर्मी में गमछा सिर पर बांधकर निकलने से लू-लपट आदि से राहत मिलती है | बीमारियों से भी बचाव होता है |
खास बात यह है कि (The interesting thing is)
बाजार में सूती गमछा 90 से 150 रुपये में बिक रहे है | वही युवतियाँ के लिए भी मार्किट मे रंग बिरंगे कलर के स्टाल की मांग ज्यादा है | इसी क्रम में पटरी दुकानदार से लेकर अन्य बाजारो तक गर्मी से राहत प्रदान करने वाले कपड़े आ चुके हैैं | इनमें अभी कलरफुल गमछा और स्टाल की खूब बिक्री हो रही है | खास बात यह है कि युवा इसे धूप से सुरक्षा की दृष्टिकोण से देख रहे हैैं |
चटक धूप व लू के थपेड़ों से जनता परेशान (Public worried due to scorching sun and heat waves)
मई महीने के पिछले एक हफ्ते से अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है | भीषण गर्मी के चलते घर से दोपहरी मे निकलने से लोग कतराते नजर आ रहे हैं | वही बाहर सर्विस करने वाले कामकाजी लोगों को मजबूरी में निकलना पड़ता है | चटक धूप व लू के थपेड़ों से कई बीमारियां भी हो जाती हैं | बीमारियों से बचने के लिए लोग गमछा सिर पर बांधकर निकल रहे हैं | वैसे तो अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ही गर्मी में सिर पर गमछा बांधे मिलते थे, लेकिन अब शहर के युवाओं में भी गमछा का क्रेज बढ़ा है | गर्मी में गमछा की मांग बढ़ने लगी है |
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लेकिन इस बार अभी से (But this time from now on)
बाजार में ट्रेडिशनल सूती गमछा उपलब्ध हैं | युवाओं की पसंद केसरिया व सफ़ेद गमछा बने हैं | बाजार में सूती गमछा 90 से 150 रुपये में बिक रहा है | नगर कोतवाली के बाहर लगी दुकान पर गमछा खरीद रहे नगर निवासी बबली शर्मा कहते हैं कि गर्मी में सिर पर गमछा डालने से धूप व लू-लपट आदि नहीं लगती | दुकानदार रवि ने बताया कि मई के अंतिम सप्ताह से गमछा की मांग अधिक बढ़ती है, लेकिन इस बार अभी से गमछा की मांग पिछले साल की अपेक्षा 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है | केसरिया व सफेद सूती गमछा की मांग ज्यादा है |
सवाददाता हिमांशु वर्मा की खास रिपोर्ट
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