अतीक के गैंग में शामिल होना चाहता था लवलेश, दफ्तर मिलने गया था
माफिया अतीक-अशरफ पर गोलियां बरसाने वाले शूटरों में शामिल यहां का लवलेश तिवारी को लेकर हर दिन नए-नए चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक लवलेश अतीक के गैंग में शामिल होना चाहता था। वह माफिया से मिलने के लिए उसके दफ्तर चकिया तक गया था। लेकिन भाव नहीं मिलने पर बड़ा कांड कर खुद डॉन की श्रेणी में शामिल हो गया।
शहर के क्योटरा निवासी यज्ञ कुमार तिवारी के पुत्र लवलेश तिवारी जेल जाने के बाद से काफी बिगड़ गया था। उसकी हरकतों को लेकर परिवार वालों ने भी उसका ध्यान देना छोड़ दिया था। धीरे-धीरे बुरी संगत में पढ़कर बिगड़ता चला गया और नशे का आदी हो गया। सूत्रों के मुताबिक लवलेश अतीक के गैंग में शामिल होना चाहता था। उससे मिलने के लिए वह प्रयागराज में चकिया स्थित दफ्तर गया था। उसे बालक समझकर भगा दिया गया। कहा जा रहा है कि यह बात उसने एसआईटी को जांच के दौरान भी बताई है।
हालांकि यहां की पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर रही। उनका कहना है कि एसआईटी की जांच अलग है, इससे पुलिस का कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन पड़ोसियों का कहना है कि इन दिनों यह चर्चा बेहद गर्माई है कि लवलेश माफिया अतीक के गैंग में शामिल होना चाहता था। वह कई बार घर से प्रयागराज जाने की बात कहकर गया था। लेकिन अतीक से मिलने के बारे में उसने कभी नहीं बताया था।
माफिया पर गोली चलाने का कलेजा लवलेश तिवारी में कहां से आया? यह बात अभी भी पहेली बनी है। लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं, लेकिन असलियत अभी तक सामने नहीं आई। जबकि एसआईटी के अलावा आयोग भी हत्याकांड की जांच कर रही है। मोहल्ले के लोगों के मुताबिक लवलेश इतना बड़ा कदम खुद से नहीं उठा सकता था।
किसी के बहकावे में आकर ही उसने हत्याकांड अंजाम दिया है। करीब 8 लाख रुपये कीमत की पिस्टल उसके हाथ में थी, यह चौंकाने वाली बात है। जिसके घर में दो जून की रोटी बड़ी मशक्कत से मिलती हो और लवलेश के हाथ में महंगी पिस्टल साधारण नहीं है। परदे के पीछे कोई और लोग शामिल हो सकते हैं। पड़ोसियों ने बताया कि कुछ लोगों का कहना है कि हमीरपुर निवासी सनी ने लवलेश को इस अपराध के लिए तैयार किया था, लेकिन असलियत कुछ और होगी। जांच में सब सामने आ जाएगा।