Hapur News: After the scams in the contract process, now there are fierce allegations and counter-allegations in the light scam case.
(www.hapurhulchul.com) हापुड़ | ठेके की प्रक्रिया में घपलों के बाद अब लाइट घोटाले के आरोपों में नगर पालिका घिर गई है शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में लाइट घोटाले के मामले में जमकर आरोप प्रत्यारोप लगे करीब 77 लाख रुपये से खरीदी गई लाइटें बाजार कीमत से चार गुना तक दर्शायी गई हैं फिलहाल नगर पालिका के अधिकारी इस मामले में जांच की बात कह रहे हैं |
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नगर पालिका ने जैम पोर्टल के माध्यम से (Municipality through JAM portal)
जबकि पूर्व में लगाई गई लाखों की लाइटें भी अब शोपीस बन चुकी हैं नगर पालिका ने जैम पोर्टल के माध्यम से स्ट्रीट लाइटें खरीदे जाने का टेंडर जारी किया था जिसके माध्यम से 650 नग 45 वाट की एलईडी स्ट्रीट लाइट की खरीद 3763500 रुपये और 580 नग 72 वाट की एलईडी स्ट्रीट लाइट 3973000 रुपये से खरीदी गई थी इन लाइटों को शहर में विभिन्न स्थानों पर लगाया |
कुछ सभासदों का यह भी आरोप है कि (Some councilors also allege that)
हालांकि कुछ सभासदों का यह भी आरोप है कि ये लाइटें कहां लगी हैं, उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है सभासद अब्दुल मलिक ने बताया कि लाइटों की खरीद फरोख्त में बड़ा घपला हुआ है लाइटों की खरीद में दर्शायी गई धनराशि और बाजार की कीमतों में चार गुने से भी अधिक का अंतर है 45 वाट वाली एलईडी लाइन बाजार में मात्र करीब 1500 रुपये की कीमत की है जबकि इसकी खरीद 5800 रुपये की दर्शायी गई है |
स्ट्रीट लाइट की कीमत बाजार में (Street light price in the market)
वहीं 72 वाट की स्ट्रीट लाइट की कीमत बाजार में 2000 रुपये के आसपास है इस लाइट को 6800 रुपये में खरीदा गया है लाइटों की खरीद में इतने भारी भरकम अंतर को देखते हुए कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि लाइटों की खरीद में धांधली हुई है पहले लाइटों की खरीद की जांच होनी चाहिए, इसके बाद ही लाइटों की खरीद का भुगतान किया जाए |
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नगर पालिका की बोर्ड बैठक में शुक्रवार को (Municipality board meeting on Friday)
सफाई के टेंडर को लेकर नगर पालिका की बोर्ड बैठक में शुक्रवार को सभासदों के एक गुट ने 22 सभासदों के हस्ताक्षर अपने पक्ष में करने की बात कही, लेकिन बैठक के दौरान ही हस्ताक्षर करने वाले कुछ सभासदों ने विरोध करते हुए कहा कि उनसे नाले का टेंडर बताकर हस्ताक्षर कराए गए हैं दो रैन बसेरों के 33.10 लाख रुपये का टेंडर दिए जाने पर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं |
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होल्डिंग के ठेके के मामले में मंडलायुक्त द्वारा (In case of contract of holding, by the Divisional Commissioner)
नगर पालिका में आउट सोर्सिंग कर्मचारियों, होल्डिंग के ठेके के मामले में मंडलायुक्त द्वारा गठित टीम द्वारा जांच हो चुकी हैं जांच रिपोर्ट लखनऊ भेजे गए भी दस दिन से अधिक का समय बीत गया है लेकिन इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार के मामलों में जब तक कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक इस प्रकार की गतिविधियां रुकने वाली नहीं हैं एसडीएम मनोज कुमार ने कहा कि सभासदों के आरोपों की जांच की जा रही है, जांच के बाद ही लाइटों का भुगतान किया जाएगा |
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