Hapur news- विधवा बनकर हड़प ली संपत्ति, लगाया गंभीर आरोप
Hapur news- Grabbed property by posing as a widow, made serious allegations
Hapur : गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली पुलिस ने तहसीलकर्मी और गढ़मुक्तेश्वर के गांव जनूपुरा निवासी रश्मि पत्नी तपेंद्र त्यागी के खिलाफ सम्पत्ति हड़पने और फर्जी वारीसान प्रमाण पत्र बनाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। गढ़ पुलिस ने गाजियाबाद के डासना निवासी मोहित त्यागी पुत्र रघुनाथ त्यागी की शिकायत पर आरोपियों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 तथा 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
क्या है पूरा मामला,आइये जानते है
मोहित त्यागी का आरोप है कि रश्मि ने तहसीलकर्मियों की साठगांठ से उसकी पत्नी कोमल त्यागी के पिता स्वर्गीय राजेश्वर त्यागी की संपत्ति हड़प ली है और गंगा एक्सप्रेसवे से मिलने वाले मुआवजे को आपस में बांट लिया है। मोहित त्यागी ने आरोपियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
एफआईआर के अनुसार, मोहित की शादी 27 फरवरी वर्ष-2009 को कोमल त्यागी पुत्री राजेश्वर त्यागी निवासी गांव झंडारेडा विजयनगर गाजियाबाद के साथ हुई थी। राजेश्वर त्यागी की दो संतानों में से एक शेखर की 19 फरवरी-2010 को एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। अब कोमल त्यागी ही राजेश्वर त्यागी की अकेली संतान है। कोमल की मां सविता लगभग 30 वर्ष पहले अपने पति को छोड़कर चली गई थी। उसने आज तक अपने बच्चों से संपर्क नहीं किया है। 30 अप्रैल-2021 को राजेश्वर त्यागी का भी निधन हो गया।
रश्मि ने खुद को बताया पत्नी
घर में काम करने वाली महिला रश्मि ने खुद को राजेश्वर की पत्नी बताया, जबकि वह शादीशुदा महिला है। उसका विवाह तपेंद्र त्यागी पुत्र मंगू त्यागी निवासी गांव जनूपुरा तहसील गढ़मुक्तेश्वर के साथ से 26 अप्रैल-1995 को हुआ था। रश्मि की एक बेटी भी है। बताया जा रहा है कि रश्मि ने अपने भाई, माता और तहसीलकर्मियों के साथ मिलकर खुद को राजेश्वर की पत्नी बताते हुए एक संपत्ति अपने नाम कर ली।
एफआईआर के अनुसार, हापुड़ तहसील के गांव माधापुर मौजपुर में स्थित खसरा संख्या-237 को रश्मि ने अपने भाई और तहसीलकर्मियों की मदद से संपत्ति को हड़प लिया। उसने खुद को राजेश्वर की पत्नी बताते हुए अपने नाम से विरासत दर्ज करा ली। सूत्रों ने बताया कि आधार कार्ड, वोटर कार्ड और वारीसान प्रमाण पत्र के आधार पर जमीन की विरासत दर्ज की गई है।
तहसीलकर्मियों की मिलीभगत से फर्जी वारीसान प्रमाण पत्र बनाया
इस मामले में तहसीलकर्मियों की मिलीभगत सामने आई है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। एफआईआर के अनुसार, जब पीड़ित ने मामले में वारीसान प्रमाण पत्रों की जांच कराई तो वह फर्जी पाया गया। सूत्रों ने बताया कि जांच में तहसीलकर्मियों की मिलीभगत सामने आई है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
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