डीएम की शिकायत के बावजूद साहब को किसने दिया ईनाम………
Who gave the reward to Saheb despite DM's complai
सीएम योगी के कार्यक्रम को महत्व नही देने वाले डीएफओ पर मुख्यालय क्यों मेहरबान
उच्चधिकारियों से कारनामों की सफाई व चरणवंदना में लगे कार्यवाहक डीएफओ साहब
हापुड़— जीरो टोलरेंसी नीति के साथ प्रदेश को आगे बढाने वाले सीएम योगी के कुछ लापरवाह अफसर सरकार की छवि धुमिल करने में जुटे है। ऐसा ही एक मामला जनपद हापुड़ में सामने आया है जहां जिलाधिकारी की शिकायत के बावजूद कार्यवाहक डीएफओ संजय मल्ल को वन विभाग उच्चधिकारियों ने जनपद झांसी डीएफओ बना दिया जबकि हापुड़ डीएम प्रेरणा शर्मा संजय मल्ल के खिलाफ कार्यवाही के लिए शासन एवं वन विभाग के अफसरों को गोपनीय पत्र लिखा था।
आपको बता दे कि डीएम प्रेरणा शर्मा की शिकायत की अनदेखी करते हुए विभाग के उच्चधिकारियों ने कार्यवाहक डीएफओ संजय मल्ल पर कार्रवाई की बावजूद हापुड़ जिले से हटकार बडे जिले झांसी का कार्यवाहक डीएफओ बनाकर बड़ा ईनाम दिया है। जबकि संजय मल्ल के कारनामों की पोल डीएम प्रेरणा शर्मा के उस पत्र से खुल गई।
डीएफओ संजय मल्ल पर कोई कार्यवाही नही हुई
जिसमें डीएम ने बिन्दुवार लिख कर संजय मल्ल की शिकायत अपर मुख्य सचिव सहित मेरठ कमिश्नर और प्रधान मुख्य वन संरक्षक विभाग से की थी जिसके बाद भी कार्यवाहक डीएफओ संजय मल्ल पर कोई कार्यवाही नही हुई बल्कि नियमों अनदेखी कर दूसरे जिले का चार्ज सौंप दिया।
कई बार डांट फटकार लग चुकी
विभागीय कर्मचारी बताते है कि हापुड़ में तैनाती के दौरान जब—जब डीएम प्रेरणा शर्मा ने वन विभाग के कार्यो की समीक्षा की तो कार्यवाहक डीएफओ साहब हमेशा लापहवाह बने रहे जिसके कारण संजय मल्ल को जिले अफसरों के बीच कई बार डांट फटकार लग चुकी है। जिले में डीएफओ साहब के कारनामों की चर्चा अब आम बात हो रही है। योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को भी संजय मल्ल महत्व नही देते।
वीआईपी पाार्किंग में डयूटी की जिम्मेदारी दी
डीएम ने संजय मल्ल को सीएम योगी आदित्यनाथ के जिले में हुए अनुसूचित जाति वर्ग का सम्मेलन जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में वीआईपी पाार्किंग में डयूटी की जिम्मेदारी दी थी। बावजूद संजय मल्ल ने डीएम के आदेश को ताक पर रखते हुए कार्यक्रम से नदाराद रहे। आरोप है कि संजय मल्ल ने योगी सरकार की महत्वकांक्षी योजना गंगा एक्सप्रैसवे परियोजना के कार्य में भी गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाया जिससे कई माह तक परियोजना का कार्य प्रभावित रहा।
जिसके चलते जिला प्रशासन को किसान संगठनों कई आमने—सामने व धरना प्रर्दशन हुआ। उसके बाद कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले ऐतिहासिक मेले में जहां 30 से 35 लाख श्रृद्वालूओं आते है।
छुटटी नही देने की बात कही
उस मेले में भी संजय मल्ल में कोई कामकाज नही किया और खुद को अवकाश पर बताकर अपने अधिनस्थ कर्मचारियों मेले में भेजकर डयूटी की इतिश्री कर ली।जब डीएम प्रेरणा शर्मा ने संजय मल्ल की छुटटी के बारे में वन विभाग मेरठ के मुख्य वन संरक्षक एन के जानू से बात कर जानकारी कि गई तो संजय मल्ल को किसी प्रकार की छुटटी नही देने की बात कही जिसके बाद डीएम प्रेरणा शर्मा ने संजय मल्ल को तीन बार अलग—अलग मामलों में कारण बताओं नोटिस भी जारी कर दिया था।
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