हापुड़ आनंद विहार में बनेगा हर्बल पार्क, लगेंगे औषधीय पौधे
Herbal park will be built in Hapur Anand Vihar, medicinal plants will be planted
हापुड़। एचपीडीए की आनंद विहार योजना में 10 हजार वर्ग मीटर भूमि पर हर्बल पार्क बनेगा, जिसे प्रदेश के रोल मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। करीब 30 प्रकार के औषधीय पौधे पार्क की सुंदरता को बढ़ाएंगे। बुजुर्गों के घूमने के लिए ट्रैक व अन्य सुविधाएं रहेंगी। से अर्थ एनजीओ प्राधिकरण के साथ मिलकर कार्य करेगी।
दस हजार वर्ग मीटर भूमि आवंटित
कोरोना महामारी के बाद से औषधीय पौधों की मांग लगातार बढ़ी है, ऐसे में शासन भी हर्बल पार्क बनाने पर जोर दे रहा है। प्राधिकरण की आनंद विहार योजना के डी ब्लॉक में हर्बल पार्क के लिए दस हजार वर्ग मीटर भूमि आवंटित की गई है । दो साल पहले लखनऊ से आए अधिकारियों ने निरीक्षण कर, मिट्टी के नमूने जुटाए थे। जिनमें पर्याप्त पौषक तत्व मिले हैं, इसके बाद अब से अर्थ एनजीओ पार्क का जीर्णोद्धार करेगी।
बजट की व्यवस्था सीएसआर फंड व एचपीडीए करेगा
सुंदरीकरण के लिए बजट की व्यवस्था सीएसआर फंड व एचपीडीए करेगा। पार्क की मैपिंग को लेकर फाइल भेज दी गई है। अधिकारियों की मानें तो फरवरी महीने में ही हर्बल पौधों की रोपाई शुरू हो जाएगी। छह राज्यों में तालाब संरक्षण और पौधरोपण का कार्य करने वाले पौंड मैन रामवीर तंवर के निर्देशन में पार्क का सुंदरीकरण होगा। उन्होंने बताया कि पार्क में खेलकूद से लेकर योग आदि का अच्छा माहौल रहेगा। ऐसे पौधे रोपित होंगे जो असाध्य रोगों में भी लाभकारी होंगे।
पॉइजन आइवी, अरंडी, अरबी सब्जी, अर्जुन वृक्ष, अश्वगंधा, इंग्लिश विलो, ईसबगोल, इकोनाइट, कढ़ी पत्ते, करोंदा, कालमेघ किवांच, कुसुम, कृष्ण नील, खरक, गिलोय, गुलाब, गेंदा, घृत कुमारी, चिरायता, चुकंदर, छुईमुई पौधा, तुलसी, जीरा, दालचीनी, सर्पगंधा, आंवला, नीम, नील गिरी, ब्राह्मी हरीतकी, हिरन खुरी, हेमलॉक के पौधे लगाए जाएंगे।
इन रोगों में लाभदायक हैं ये पौधे
1 * खांसी, जुकाम से लेकर कैंसर के लिए कचनार।
2 * दिल की बीमारी के लिए अर्जुन।
3 * फेफड़ों व टीवी के लिए तुलसी।
4 * मधुमेह के लिए इंसुलीन।
5 * जोड़ों के दर्द के लिए हरि श्रृंगार।
प्रदीप कुमार सिंह, सचिव एचपीडीए ने कहा
आनंद विहार के डी ब्लॉक में हर्बल पार्क के सुंदरीकरण का काम जल्द शुरू हो जाएगा। एनजीओ से वार्ता हो गई है, यह पार्क शहर की सुंदरता को और बढ़ाएगा। पानी, चाहरदिवारी, शौचालय, झूले आदि की व्यवस्था एचपीडीए कराएगा।